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Sports Awards | खेलों से संबंधित पुरस्कार

विभिन्न खेल तथा उनसे सम्बद्ध प्रमुख कप एवं ट्रॉफियाँ

खेल

1. हॉकी - बेटन कप, रंगास्वामी कप, आगा खाँ कप, बेगम रसुल ट्रॉफी (महिला), महाराजा रणजीत सिंह गोल्ड कप, लेडी रतन टाटा ट्रॉफी (महिला), गुरुनानक चैम्पियनशिप (महिला), ध्यानचन्द ट्रॉफी, नेहरू ट्रॉफी, सिंधिया गोल्ड कप, मुरुगप्पा गोल्ड कप, वेलिंग्टन कप, इन्दिरा गाँधी गोल्ड कप आदि।


2. फुटबॉल -  डी.सी.एम. ट्रॉफी, डूरंड कप, रोवर्स कप, वी.सी. रॉय ट्रॉफी (राष्ट्रीय चैम्पियनशिप), संतोष ट्रॉफी (राष्ट्रीय चैम्पियनशिप), आई.एफ.ए. शील्ड, सुब्रतो मुखर्जी कप, सर आशुतोष मुखर्जी ट्रॉफी, मर्डेका कप आदि।

3. क्रिकेट- रणजी ट्रॉफी (राष्ट्रीय चैम्पियनशिप), ईरानी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी, सी.के. नायडू ट्रॉफी, रानी झाँसी ट्रॉफी, देवधर - ट्रॉफी, जी.डी. बिड़ला ट्रॉफी, रोहिन्टन बारिया ट्रॉफी आदि ।

4. टेबल टेनिस - बर्नाबेलेक कप (पुरुष), जय लक्ष्मी कप (महिला), राजकुमारी चेलैन्ज कप (जूनि. महिला), रामानुज ट्रॉफी (जूनि. पुरुष) आदि।

5. बैडमिंटन -  नारंग कप, चड्ढा कप, अमृत दीवान कप आदि ।

6. बास्केटबॉल - बंगलुरु ब्ल्यूज चैलेन्ज कप, नेहरू कप, फेडरेशन कप आदि।

7. ब्रिज - रामनिवास रूइया चैलेन्ज गोल्ड ट्रॉफी, होल्कर ट्रॉफी आदि ।

8. पोलो -  ऐजारकप, पृथ्वीपालसिंहकप,राधामोहनकप, क्लासिककप।

9. गोल्फ -  बाकर कप, सर्किट कप, राइडर कप, इनहिल कप, प्रिन्स आफ वेल्स कप

10. जिम्नास्टिक - चाइना कप

 

नोट :

1. टेबल टेनिस का कॉरबिलॉन कप महिलाओं का और स्वेथलिंग कप पुरुषों का विश्व कप है।

2. केरल में प्रतिवर्ष प्रसिद्ध नेहरु टाफी वलामकाली (नौका दौड़) ' का आयोजन पुन्नामदा कयाल में किया जाता है।



खेलों से संबंधित पुरस्कार

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार : इसे 1991-92 में आरम्भ किया गया। यह पुरस्कार भारत में खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार हैं। इस पुरस्कार में एक पदक एक प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रुपये दिये जाते हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार एवं ध्यानचंद पुरस्कार विजेता राजधानी या शताब्दी गाड़ियों में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित कोचों में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।

 

मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी : 

यह ट्रॉफी 1956-57 में शुरू की गयी । यह चल वैजती (रॉलिंग ट्रॉफी) है और यह अंतर विश्वविद्यालयटूर्नामेंट्स में सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को प्रदान की जाती है । इसे फिर से हासिल करने वाले विश्वविद्यालय को ट्रॉफी की प्रतिकृति भी दी जाती है। इसके अलावा विश्वविद्यालय को 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय को 5 लाख रुपये तथा तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले को 3 लाख रुपये के नकद पुरस्कार दिये जाते हैं।

 

क्रीड़ाओं और खेलों में जीवन भर की उपलब्धियों के लिए

ध्यानचंद पुरस्कार :

इसे वर्ष 2002 में गठित किया गया, इसमें नकद पुरस्कार 10 लाख रुपये हैं । पुरस्कार उन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए प्रदान किये जाते हैं, जिन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और सक्रिय खेल जीवन से संन्यास लेने के बावजूद भी खेल की उन्नति के लिए योगदान करते रहते हैं । प्रत्येक वर्ष ज्यादा-से-ज्यादा तीन खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

 

अर्जुन पुरस्कार : 

इसे 1961 में आरंभ किया गया और इसमें 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है । खिलाड़ी को न केवल उत्कृष्टता के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले तीन वर्षों में और उस वर्ष में जिसमें पुरस्कार की सिफारिश की गई है, लगातार अच्छा प्रदर्शन किया होना चाहिए, बल्कि नेतृत्व, खेल-भावना और अनुशासन का भाव दर्शाया होना चाहिए। 2001 से यह पुरस्कार केवल उन विभागों में दिया जायेगा, जो निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं। 1. ओलंपिक खेल/एशियाई खेल/राष्ट्रमंडल खेल/विश्व कप/विश्व चैम्पियन विभाग और 2.स्वदेशी खेल 3. शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों के लिए खेल । प्रत्येक वर्ष अधिकतम 15 अर्जुन पुरस्कार दिये जाते हैं

 

द्रोणाचार्य पुरस्कार :

इसे 1985 में आरंभ किया गया। इसमें उन विख्यात कोचों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने खिलाड़ियों और टीमों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने में समर्थ बनाया है। द्रोणाचार्य पुरस्कार दो श्रेणियों में प्रदान किया जाता है-

1. द्रोणाचार्य पुरस्कार (जीवनकाल) एवं
2. द्रोणाचार्य पुरस्कार (नियमित) 

जीवनकाल के लिए 15 लाख एवं नियमित के लिए 10 लाख रुपये की राशि पुरस्कारस्वरूप और गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा प्रदान की जाती है। एक वर्ष में पाँच से अधिक पुरस्कार नहीं दिये जा सकते हैं।

प्रतियोगिता में कम-से-कम 180 दिन पहले से पदक विजेताओं को प्रशिक्षित करने वाले प्रशिक्षकों को भी नकद पुरस्कार दिए जाते हैं।

 

प्रशिक्षित खिलाड़ी को जितनी पुरस्कार राशि दी जाती है, उसके प्रशिक्षक को उसकी 50 फीसदी राशि पुरस्कार में दी जाती है। यदि एक से अधिक प्रशिक्षक हों तो पुरस्कार राशि को समान रूप से बांटा जाता है।

 

अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों को विशेष पुरस्कार 

Section-1 : ओपन श्रेणी खेल

क्र

खेल प्रतियोगिता के नाम

पुरस्कार की राशी (रूपए में)

स्वर्ण पदक

रजत पदक

कांस्य पदक

1.

ओलम्पिक खेल ग्रीष्म एवं शीतकालीन

75 लाख

50 लाख

30 लाख

2.

एशियाई खेल

30 लाख

20 लाख

10 लाख

3.

राष्ट्रमंडल खेल

30 लाख

20 लाख

10 लाख

4.

विश्व्चैम्पियानशिप और विश्वकप (प्रत्येक चार साल बाद आयोजित) आल इंग्लैण्ड बैडमिन्टन चैम्पियनशिप 

40 लाख

25 लाख

15 लाख

5.

विश्व चैम्पियनशिप विश्व कप (दो साल में आयोजित)

20 लाख

14 लाख

8 लाख

6.

विश्व चैम्पियनशिप (विश्व कप एक साल में एक बार आयोजित)

10 लाख

7 लाख

4 लाख

7.

एशियन चैम्पियनशिप (चार  साल में एक बार  आयोजित)

15 लाख

10 लाख

5 लाख

8.

एशियन चैम्पियनशिप (दो   साल में एक बार  आयोजित)

7.5 लाख

5 लाख

2.5 लाख

9.

एशियन चैम्पियनशिप (एक   साल में एक बार  आयोजित)

3.75 लाख

2.5  लाख

1.25 लाख

10.

राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप (चार   साल में एक बार  आयोजित)

15 लाख

10 लाख

5 लाख

11.

राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप (दो   साल में एक बार  आयोजित)

7.5 लाख

5 लाख

2.5 लाख

12.

राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप (एक    साल में एक बार  आयोजित)

3.75 लाख

2.5 लाख

1.25 लाख

13.

अंतर्राष्ट्रीय विश्वविधाललय खेल

3.75 लाख

2.5 लाख

1.25 लाख


Section -2 : पैरा स्पोर्ट्स

क्र.

खेल प्रतियोगिता के नाम

पुरस्कार राशि (रु लाख में)

स्वर्ण पदक

रजत पदक

कांस्य पदक

1.

पैरा ओलम्पिक गेम्स (ग्रीष्म एवं शीतकालीन)

75 लाख

50 लाख

30 लाख

2.

पैरा एशियन गेम्स

30 लाख

20 लाख

10 लाख

3.

राष्ट्रमंडल खेल (पैरा एथलेटिक्स)

30 लाख

20 लाख

10 लाख

4.

आईपीसी वर्ल्ड कप /चैम्पियनशिप (दो साल में)

20 लाख

14 लाख

8 लाख

5.

आईपीसी वर्ल्ड कप /चैम्पियनशिप (सालाना आयोजित)

10 लाख

7 लाख

4 लाख

 

Section -3 : दृष्टिबाधितों के खेल

क्र.

खेल प्रतियोगिता के नाम

पुरस्कार राशि (रु लाख में)

स्वर्ण पदक

रजत पदक

कांस्य पदक

1.

आईपीसी वर्ल्ड चैम्पियनशिप

10 लाख

7 लाख

4 लाख

 

Section -4 : बघिरो के लिए खेल

क्र.

खेल प्रतियोगिता के नाम

पुरस्कार राशि (रु लाख में)

स्वर्ण पदक

रजत पदक

कांस्य पदक

1.

बघिर ओलम्पिक खेल

15 लाख

10 लाख

5 लाख

 

Section -5 : विशेष ओलम्पिक खेल

क्र.

खेल प्रतियोगिता के नाम

पुरस्कार राशि (रु लाख में)

स्वर्ण पदक

1.

विशेष ओलम्पिक

(ग्रीष्मकालीन) और शीतकालीन)

5 लाख

 

Section -6 : दृष्टिबाधितों के लिए क्रिकेट विश्वकप

क्र.

खेल प्रतियोगिता के नाम

पुरस्कार राशि (रु लाख में)

स्वर्ण पदक

रजत पदक

कांस्य पदक

1.

दृष्टिबाधितों क्रिकेट विश्वकप (चार साल में आयोजित)

5 लाख

3 लाख

1 लाख

 

 

शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए पेंशन की योजना

यह योजना 1994 में शुरू की गई थी। इस योजना के अनुसार, वे खिलाड़ी, जो भारतीय नागरिक हैं और जिन्होंने ओलंपिक खेलों,विश्व कप/ विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल और पैरा-ओलंपिक खेलों और पैरा-एशियाई खेलों में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते हैं, जिनकी आयु 30 वर्ष की हो चुकी है और सक्रिय खेल करियर से रिटायर हो चुके हैं, वे जीवनभर के लिए पेंशन पाने योग्य हैं। अप्रैल 2018 से पेंशन की दरें दोगुनी हो गई हैं।

पेंशन की बढ़ी हुई दरें निम्नानुसार है :

क्र.

शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों की श्रेणी

पेंशन दर

(रूपए प्रतिमाह)

1.

ओलम्पिक खेलों/पैरा ओलम्पिक खेलों के पदक विजेता

20,000

2.

ओलम्पिक में विश्व कप/ओलाम्पिक और एशियाई खेलों के विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता *

16,000

3.

ओलम्पिक और एशियाई खेलों में विश्व कप के रजत और कांस्य पदक विजेता

14,000

4.

एशियाई / राष्ट्रमंडल खेलों / पैर एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता

14,000

5.

एशियाई / राष्ट्रमंडल खेलों / पैर एशियाई खेलों रजत और पदक विजेता

12,000

*चार  साल में एक बार आयोजित होने वाले विश्व कप / विश्व चैम्पियनशिप को ही माना जायेगा |

यह पेंशन 30 वर्ष की आयु होने पर जीवन भर के लिए दी जाती है। इस योजना का संचालन जीवन बीमा निगम के जरिये किया जाता है।

 

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